11साल पहले आज ही दिन 16 मई, 2008 की सुबह नोएडा में हुए आरुषि तलवार हत्याकांड ने देश के 100 करोड़ से अधिक लोगों को चौंका दिया था। और कुछ घंटों बाद नौकर हेमराज की हत्या ने इस हत्याकांड को दुनिया भर में चर्चा में ला दिया था। आलम यह है कि 11 साल बाद एक ही सवाल सबके जेहन में है कि नोएडा के जलवायु विहार के फ्लैट ‘एल-32 में आरुषि तलवार के साथ 15-16 मई की रात क्या-क्या हुआ था?
15 की रात से 16 मई की सुबह आरुषि का शव मिलने तक की कहानी आज भी कयासो में ही है। आज भी यह सवाल जिंदा है कि आरुषि और हेमराज को किसने और क्यों मारा? आईटी व उद्योगों के लिए देश-विदेश में मशहूर शहर में हुए इस सनसनीखेज दोहरे हत्याकांड पर फिल्म भी बनी और किताबें भी लिखी जा चुकी हैं, लेकिन इसके बाद भी इस दोहरे हत्याकांड से जुड़े सवालों के जवाब लोगों को नहीं मिल सके। देश की राजधानी दिल्ली से सटे शहर में हुई इस सनसनीखेज घटना के 11 साल बीतने और सर्वोच्च एजेंसी के जांच के बाद भी हत्याकांड अनसुलझा रहना बड़ा सवाल खड़ा करता है।
15 मई, 2008 को आरुषि अपने माता-पिता के साथ ही फ्लैट में सोई थी, लेकिन अगले दिन सुबह उसका शव फ्लैट के अंदर से बरामद हुआ। जब आरुषि का शव उसके कमरे में मिला तब शुरुआत में हेमराज को उसका कातिल माना जा रहा था। उसके खिलाफ तत्काल पुलिस ने एफआईआर भी दर्ज कर ली थी। पुलिस की एक टीम तो नेपाल स्थित उसके घर तक भेज दी गई।
अगले दिन 17 मई की सुबह जब एक रिटायर्ड पुलिस अधिकारी आरुषि के फ्लैट तक पहुंचे तब डॉ. राजेश तलवार के फ्लैट की छत पर पड़ताल की गई। उस दौरान हेमराज का शव मिला तो इस केस में नया मोड़ आ गया। 16 मई 2008 को जब आरुषि का शव मिला तब नोएडा पुलिस ने जांच शुरू की थी। जब तक हेमराज का शव नहीं मिला था तब तक मर्डर का शक उसी पर था, लेकिन शव मिलने के बाद जांच की दिशा बदली। पुलिस को भी इसके बाद तलवार दंपती पर शक हुआ। लिहाजा, पुलिस ने करीब एक सप्ताह बाद डॉ. राजेश तलवार को गिरफ्तार कर लिया था।