सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच हुई मुठभेड़, 3 आतंकी ढेर एक जवान शहीद

जम्‍मू-कश्‍मीर के पुलवामा में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच हुई मुठभेड़ में तीन आतंकी ढेर हो गए हैं। इस मुठभेड़ में एक जवान के शहीद होने की भी खबर है। जानकारी के अनुसार, पुलावामा के डालीपोरा इलाके में यह मुठभेड़ हुई। जम्‍मू-कश्‍मीर पुलिस ने बताया कि पुलवामा में हुए एनकाउंटर में मारे गए तीनों आतंकवादियों की पहचान नासिर पंडित, उमर मीर और खालिद के रूप में की गई। तीनों जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े हुए थे। एक आर्मी जवान के साथ एक स्थानीय ने भी अपनी जान गंवाई। है।

पुलवामा के डालीपोरा में गुरुवार सुबह सेना को कुछ आतंकियों के छिपे होनी की सूचना मिली। इसके बाद सुरक्षाबलों ने पूरे इलाके की घेराबंदी कर इसे खाली करा लिया गया। इसके बाद सुरक्षाबलों ने तलाशी अभियान शुरू कर दिया। इस दौरान आतंकियों ने ओपन फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में तीन आतंकियों को ढेर कर दिया गया है। गोलीबारी में एक जवान शहीद हो गया।

इससे पहले जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में बुधवार को नियंत्रण रेखा के निकट एक बारूदी सुरंग विस्फोट में सेना का एक जवान घायल हो गया। मेंढर तहसील के देहरी दबासी में अग्रिम इलाके में गश्त के दौरान जवान ने बारूदी सुरंग पर पांव रख दिया, जिसके कारण विस्फोट हो गया।

पिछले कुछ दिनों से आतंकी कुछ ज्‍यादा सक्रिय नजर आ रहे हैं। एक के बाद एक कई मुठभेड़ सेना और आतंकियों के बीच बीते दिनों में हुई हैं। हालांकि, पिछले साल के मुकाबले इस साल वादी में हिंसक प्रदर्शनों में 60 प्रतिशत की कमी आई है, जिसकी वजह से सुरक्षाबलों की तरफ से पैलेट गन का इस्तेमाल भी कम किया गया है।

इस साल अब तक उपलब्ध पैलेट स्टॉक का 10 प्रतिशत भी इस्तेमाल नहीं किया जा सका है। हालांकि इसकी वजह मानवाधिकारों के कथित झंडाबरदारों और विभिन्न राजनीतिक दलों की तरफ से पैलेट गन के मुद्दे पर मचाया जाने वाला सियासी शोर कदापि नहीं है। इसके बजाय पैलेट गन के इस्तेमाल में कमी के पीछे कानून व्यवस्था की स्थिति से निपटने के लिए सुरक्षाबलों द्वारा अपनाए जाने वाले स्टैंडर्ड आपरेशनल प्रोसीजर में बदलाव के अलावा हिंसक प्रदर्शनों में कमी जिम्मेदार हैं।

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