ढकोसला सबित हो रहा योगी का फरमान

उत्तर प्रदेश में योगी  सरकार में गरीब बच्चों के लिए निशुल्क शिक्षा के लिए फरमान जारी किया गया था। लेकिन कुछ शिक्षा के नाम पर व्यापार व बिजनेस बना रखा है। तो फिर  भला गरीब बच्चों को किस आधार पर दाखिला मिल सके मिल सकेगा। हरदोई जनपद में  इंग्लिश मीडियम के स्कूलों में एडमिशन के लिए अभिभावकों का एक हौसला जाहिर हुआ था। कि अब सरकार द्वारा जो फरफान सुनाया गया है, वह हम लोगों के भी बच्चों का एक मौका मिलेगा। और हम लोग भी अपने बच्चों को इंग्लिश मीडियम से पढ़ा सकूंगा,लेकिन कुछ भ्रष्ट प्रशासनिक अधिकारी की मिलीभगत से धंधा बना रखा है,स्कूलों के कुछ लोग भी रुपए की मांग करते हैं की कई एक अभिभावकों से रुपयों की मांग की गई ,और उनका दाखिला भी नहीं हो सका।

हरदोई के दर्जनों निजी स्कूलों में गरीब बच्चों को शिक्षा से बेदखल किया जा रहा है, हालांकि आर टी आई के तहत सभी निजी स्कूलों में 25 फीसद गरीब बच्चों का दाखिला कानूनन अनिवार्य है, किन्तु हरदोई के न्यू हाइट स्कूल, द कैम्ब्रिज स्कूल, जय विद्या खेतुई, लखनऊ पब्लिक स्कूल माधौगंज व द ग्रेट इंडियन चाँदबेहटा व लिटिल एंजेल्स धर्मशाला रोड समेत कई निजी स्कूल गरीब बच्चों को पढ़ाने में पीछे हट रहे हैं।

शिक्षा का अधिकार अभिभावक समिति जनहित फाउंडेशन के आनंद कुमार के नेतृत्व में तमाम अभिभावक विगत कई दिनों से धरने पर बैठे हैं। प्रशासनिक अधिकारियों को दिए गए पत्र में उनका कहना है कि निजी स्कूलों द्वारा गरीब बच्चों का दाखिला लेने व उन्हें पढ़ाने से मना किया जा रहा है। ऐसे में न सिर्फ शासन के आदेशों की अवहेलना है बल्कि गरीब बच्चों और उनके परिजनों को हतोत्साहित करने का कृत्य किया जा रहा है।

शासन की इस महत्वपूर्ण योजना में भ्रष्टाचार का दीमक इस कदर लग गया कि ज्यादातर लोगों को पता ही नही कि गरीब बच्चों का निशुल्क दाखिला कान्वेंट स्कूलों में किया जाता है। इसका लाभ उठाते हुए बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी निजी स्कूल प्रबंधन से सांठगांठ कर गरीब बच्चों का हक मार रहे हैं। कई स्कूलों ने फर्जी  रूप से भी गरीब छात्र दर्शाए हैं। गरीब बच्चों को शिक्षा देने से मना करने वाले कई कान्वेंट स्कूल कथित समाजसेवी व जनप्रतिनिधियों के हैं। जिसके चलते सरकारी नियमों का यहां पालन नही किया जाता है।

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