भारत के पहले कई देश लगा चुके हैं प्रतिबंध, पढ़े पूरी खबर

E-Cigarettes के खिलाफ अब धीरे-धीरे पूरी दुनिया में आम राय बनती दिखाई दे रही है। इसकी वजह से बढ़ते मौत के आंकड़ों पर अब दुनिया के कई देशों ने चिंता जताई है। इतना ही नहीं कुछ देशों में इस पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा रखा है तो कुछ ऐसे भी हैं जहां इस पर आंशिक प्रतिबंध है। कुछ ऐसे भी देश हैं जहां पर इसकी बिक्री को कानूनी दर्जा मिला हुआ है।

भारत भी अब इसको लेकर काफी संजीदा हो गया है। यही वजह है कि सरकार ने इसको प्रतिबंधित करने का फैसला लिया है। इसका पहली बार उल्लंघन करने वालों पर 1 लाख रुपये के जुर्माने के साथ 1 साल तक की अधिकतम कैद या दोनों का प्रावधान किया गया है। दूसरी बार में 5 लाख रुपये का जुर्माना और 3 साल की जेल या दोनों का प्रावधान है। इसमें ई हुक्का भी शामिल है।

सरकार के ताजा फैसले से पहले तकनीकी तौर पर इसकी बिक्री पर कोई रोक नहीं थी और न ही इसकी बिक्री के लिए Central Drugs Standard Control Organization से कोई इजाजत लेनी होती थी। जुलाई 2019 तक देश में करीब 460 E-Cigarettes के Brand मौजूद थे। इसके अलावा इसके करीब 7 हजार से ज्‍यादा फ्लेवर भी थे।

अगस्‍त 2018 में स्‍वस्‍थ्‍य और परिवार मंत्रालय ने इसके विज्ञापन पर रोक लगाई थी। फरवरी 2019 में इसको लेकर CDSCO ने एक एडवाइजरी जारी कर सभी राज्‍यों को इसकी बिक्री की इजाजत न देने को कहा था। इसके साथ ही सभी राज्‍यों के Drugs Controllers को कहा गया था वह इसको सुनिश्चित करें कि इसकी बिक्री न होने पाए।

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