पूर्वांचल में गंगा का कहर शुक्रवार को भी जारी रहा। मिर्जापुर से बलिया तक गंगा का रौद्र रूप लाखों लोगों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। हजारों लोग बेघर होकर शिविरों में रह रहे हैं। गंगा के पलट प्रवाह से वरुणा भी उफनाई हुई हैं। घाघरा, टोंस, कर्मनाशा और गोमती के किनारे बसे सैकड़ों गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। कई शहरी क्षेत्रों में भी जलजमाव से लोगों की परेशानी बढ़ गई है। Mirzapur-Prayagraj मार्ग पर अकोढ़ी गांव के पास पानी भर गया है। बड़े वाहनों पर रोक लगा दी गई है। नदियों के जलस्तर में लगातार वृद्धि से प्रभावितों की संख्या में भी इजाफा हुआ है।
Varanashi में गंगा का जलस्तर पिछले 24 घंटे में 24 सेंटीमीटर से अधिक बढ़ा है। शुक्रवार की रात 8 बजे गंगा का जलस्तर खतरे के निशान 71.26 मीटर से 47 सेंटीमीटर ऊपर 71.73 मीटर पर पहुंच गया था। फिलहाल 1 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ाव जारी रहने से शनिवार की सुबह जलस्तर 71.95 मीटर तक पहुंचने की आशंका जताई गई है।
गंगा-वरुणा में बढ़ाव से कई और गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। NDRF की टीमें लगातार बाढ़ प्रभावित इलाकों में गश्त कर रही हैं। बाढ़ में फंसे जो लोग राहत शिविरों में नहीं आ सके हैं उनके घरों तक नावों से राहत पैकेट और पानी की बोतलें पहुंचाई जा रही हैं। Varanashi में प्रभावित गांवों की संख्या बढ़कर 194 हो गई है। शुक्रवार को राहत शिविरों में 6152 लोग पहुंचाए गए। 32 राहत शिविरों में अब तक 9556 लोग शरण ले चुके हैं।