Uttar Pradesh की योगी सरकार राजकीय कर्मचारियों को मिलने वाले कम धनराशि के कुछ और भत्तों को खत्म करने का फैसला कर सकती है। इनमें विभागों में GPF passbook के रखरखाव के लिए मिलने वाला भत्ता, सिंचाई विभाग के अभियंताओं को दिया जा रहा अर्दली भत्ता और Public Works Department की परिकल्प शाखा के अभियंताओं को प्रोत्साहन के तौर पर दिया जाने वाला भत्ता शामिल है। Government का मानना है कि किन्हीं विशेष परिस्थितियों में शुरू किए गए इन भत्तों का आजकल के वेतनमान को देखते हुए प्रभाव नगण्य रह गया है। इन भत्तों को खत्म करने के बारे में वित्त विभाग के प्रस्ताव पर मंगलवार को होने वाली कैबिनेट की बैठक में मुहर लग सकती है।
Government के विभिन्न विभागों के कर्मचारियों की जीपीएफ पासबुक के रखरखाव के लिए विभागों के संबंधित बाबुओं को 25 पैसे प्रति पासबुक प्रति माह की दर से प्रोत्साहन भत्ता देने की व्यवस्था 1984 में शुरू हुई थी। सरकारी कर्मचारियों को अब मिलने वाले वेतन को देखते हुए भत्ते की यह राशि अत्यंत कम रह गई है। इसी तरह सिंचाई विभाग के अभियंताओं को अर्दलियों को प्रोत्साहित करने के लिए अर्दली भत्ता दिया जाता है। लोक निर्माण विभाग में अभियंता निर्माण कार्यों से जुड़े रहने के लिए लालायित रहते हैं।
Designing के काम में उनकी कम दिलचस्पी होती है। लिहाजा डिजाइनिंग कार्य करने वाली लोक निर्माण विभाग की परिकल्प शाखा के अभियंताओं को प्रोत्साहित करने के लिए भी भत्ता दिया जाता है। सिंचाई और लोक निर्माण विभाग के अभियंताओं को यह दोनों भत्ते भी 100 से 150 रुपये प्रतिमाह की दर से दिए जाते हैं।