उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जाजमऊ की सभी 122 टेनरियां बंद करने का आदेश दिया है। यह कार्रवाई पंपिंग स्टेशनों में टेनरियों का कचरा डायल्यूट नहीं मिलने पर हुई है। जल निगम की ओर से छोड़े गए सीवरेज से टेनरी के कचरे को पतला किया जाता है। मगर, जल निगम समय पर नाला सफाई पूरा नहीं करा पाया है और पंपिंग स्टेशनों पर सीवरेज नहीं जा रहा है। इस लापरवाही पर जल निगम पर भी जुर्माने की कार्रवाई हो सकती है।
टेनरियों से निकला अपशिष्ट कनवेंस चैनल से होकर पंपिंग स्टेशनों में जाता है। जहां घरों से निकला गंदा पानी भी मिलता है। दोनों का मिश्रण कॉमन इफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीईटीपी) में जाता है। यहां से कचरा शोधित होता है, जिससे पानी सिंचाई के लिए जाता है। जल निगम ने मानसून के दौरान नालों की सफाई का काम जारी रखा। तय समय सीमा 15 सितंबर तक भी सफाई पूरी नहीं हुई। 17 सितंबर को एनजीटी की गंगा मॉनीटरिंग एक्शन कमेटी के पदाधिकारियों ने जाजमऊ क्षेत्र का निरीक्षण किया। गंगा में बिना शोधित हुए नालों को गिरता देखकर नाराजगी जताई।