India में हमेंशा कार और कार कंपनियों को पर्यावरण दूषित करने का जिम्मेदार ठहराया जाता है। चाहें वह उत्सर्जन हो, जीवाश्म ईंधन को समाप्त करना या ध्वनि प्रदूषण को जोड़ना हो, हमेशा से ही कारों को ही सॉफ्ट टार्गेट रखा जाता है।
ऐसे में अब स्थिति हमेशा एक जैसी रहने की जरूरत नहीं है, जबकि कार निर्माता Company Government के आगामी उत्सर्जन मानकों, ईंधन दक्षता मानदंड़ों और इलेक्ट्रिफिकेशन का पालन कर रहे हैं ताकि प्रदूषण पर नियंत्रण लगाया जा सके। इसके अलावा कुछ प्रदूषण को रोकने के लिए कुछ स्टेप्स प्रोडक्शन में भी लिए जा रहे हैं। Toyota और Mahindra जैसे कंपनियों ने तो फैसला किया है कि वह अपनी मैन्युफैक्चरिंग प्रोसे Company स में सिंगल प्लास्टिक का भी इस्तेमाल नहीं करेंगी।
2050 तक प्राप्त होने वाले 6 बड़ी चुनौतियों के हिस्से के रूप में Toyota एक Recycling -आधारित समाज और सिस्टम स्थापित करने की कोशिश कर रहा है। टोयोटा किर्लोस्कर मोटर के मैनेजिंग डायरेक्टर, Masakazu Yoshimura ने कहा, “हमारे वैश्विक टोयोटा पर्यावरण चैलेंज 2050 के अनुरूप और एकल-उपयोग प्लास्टिक की खपत को सीमित करने के लिए माननीय प्रधान मंत्री के राष्ट्रव्यापी अभियान के साथ गठबंधन करते हुए हमने अपने हितधारकों को कम करने, रीसाइकिंग करने और पुन: उपयोग के लिए प्रोत्साहित करते हुए एक कदम के रूप में कई पहलें लागू की हैं। ताकि हमें बेहतर कल मिल सके।”