भविष्य निधि घोटाले में बिजली कर्मचारियों ने किया विरोध प्रदर्शन

लखनऊ

Uttar Pradesh के बिजली कर्मचारियों ने भविष्य निधि घोटाले के विरोध में मंगलवार को विरोध प्रदर्शन और 18 नवंबर से दो दिवसीय कार्य बहिष्कार करने का फैसला किया है।

विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने PF घोटाले की CBI से जांच कराने की CM Yogi Adityanath  की घोषणा का स्वागत किया लेकिन Chairman Power Corporation से बातचीत का कोई नतीजा न निकलने के बाद आगामी 18 व 19 नवम्बर को 48 घंटे का कार्य बहिष्कार तथा 5 नवंबर को शक्ति भवन मुख्यालय सहित सभी जिला व परियोजना मुख्यालयों पर विरोध प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है।

Power Corporation प्रबन्धन एवं संघर्ष समिति के पदाधिकारियों के बीच यूपी पावर सेक्टर इम्प्लाइज ट्रस्ट की धनराशि के घोटाले और अन्य प्रमुख समस्याओं मुख्यतया निजीकरण, वेतन विसंगतियों, सभी रिक्त पदों पर भर्ती, संविदा कर्मियों का नियमितीकरण और पुरानी पेन्शन बहाली सहित कई मांगों पर चर्चा हुई।

संघर्ष समिति ने कहा कि Power Corporation प्रबन्धन ने स्वयं स्वीकार किया है कि ट्रस्ट द्वारा लागू गाइडलाइन्स का पालन नहीं किया जा रहा है तथा फण्ड के निवेश की गाइडलाइन्स का उल्लंघन किया जा रहा है और 99 प्रतिशत से अधिक धनराशि केवल 3 हाउसिंग फाइनेन्स कम्पनियों में निवेशित कर दी गयी हैं।

जिसमें 65 प्रतिशत से अधिक केवल दीवान हाउसिंग फाइनेन्स लि में निवेशित की गयी है। प्रबन्धन ने यह स्वीकार किया कि तीनों हाउसिंग फाइनेन्स कम्पनियां अनुसूचित बैंकिग की परिभाषा में नहीं आती हैं और इनमें किया गया निवेश नियम विरूद्ध व असुरक्षित है।

यह भी कहा कि कर्मचारियों के जीपीएफ व सीपीएफ भुगतान को ईपीएफओ में हस्तान्तरित करने के बजाय ट्रस्ट की कार्यप्रणाली पारदशीर् बनायी जाये और इसकी नियमित बैठक कर उसके कार्यवृत्त सार्वजनिक किये जायें। संघर्ष समिति ने मांग की है कि सीबीआई की निष्पक्ष जांच के लिये DHFL कम्पनी में निवेश के जिम्मेदार Power Corporation के चेयरमैन व प्रबन्ध निदेशक को तत्काल हटाया जाये।

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