शहरों में बढ़ते ट्रैफिक से निजात दिलाने के लिए सड़कों पर भी 2 से 3 कोच वाली टॉयर Metro चलाई जा सकेगी। यह Metro उस सड़क पर चल सकेगी जिस पर आम सार्वजनिक वाहन चलते हैं। अलग से कोई ट्रैक या रूट नहीं बनाना होगा।
एक लोहे की रॉड पर दौडऩे वाली Metro कम लागत में तैयार हो सकेगी। एक कोच में करीब 300 यात्री आसानी से बैठ सकेंगे। करीब 40 मीटर का प्लेटफार्म होगा। पेरिस की तर्ज पर इसे भारत में Launch किया जा रहा है, नासिक के बाद Lucknow का नंबर आ सकता है।
Urban Mobility India के तहत होने वाली Conference में इस पर विशेष रूप से चर्चा होगी। वर्तमान में किसी भी शहर में Metro चलाना महंगा होता जा रहा है। ऐसे में Metro नियो यानी टायर वाली Metro को Launch किया जा रहा है।
अपर सचिव आवास एवं शहरी मंत्रालय भारत सरकार के संजय मूर्ति ने बताया एक टॉयर वाली Metro कोच की लंबाई करीब 19 मीटर होती है और एक कोच करीब 7 से 8 टन का होता है, जो लाइट रेल ट्रेन के कोच से भी हल्का होता है।
Metro रूट पर बनाने की जरूरत नहीं सड़क पर ही एक लोहे की मजबूत रॉड पर चलाया जा सकता है। सिर्फ कोच की कीमत का खर्च आता है। वर्तमान में Metro Station Design करने के लिए करोड़ों खर्च करने पड़ते हैं। इससे निजात मिल सकेगी।