बलिया रसड़ा थाना क्षेत्र अंतर्गत गांधी पार्क मैदान में ग्रामीण मजदूर यूनियन संघ के अध्यक्ष रामजी सिंह व सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण मजदूरों ने अपने हक के लिए नारे लगाते हुए धरने पर बैठ गए। सभी ग्रामीण मजदूरों उनके बच्चों और बूढ़े बुजुर्गों की जिंदगी भयानक ,कठिनाइयों, परेशानियों तरह-तरह की बीमारियों ,अभाव और अपमान से भरी हुई है।
ग्रामीण मजदूर अपने बच्चे ,बूढ़े बुजुर्गों और अपना पेट किसी तरह भरते हैं। बहुत सारे ग्रामीण मजदूर खुशहाल जिंदगी का सपना देखना भी ज्यादातर छोड़ चुके हैं। किंतु अभी भी कुछ मजदूर खुशहाल जिंदगी जीने की उम्मीद नहीं छोड़े हैं । वे भाग्य भरोसे खुशहाली की उम्मीद करते हैं। मजदूरों का कहना है कि उनको ज्यादातर 1 वर्ष में 180 से 200 दिन ही काम मिलता है। जिसे उनकी जिंदगी में बहुत सारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
क्योंकि वह 1 महीने में 5000 से 6000 ही रुपए कमा पाते हैं और खेतिहर मजदूर यह भी नहीं कमा पाते हैं। मनरेगा योजना में लूट -पात का बोलबाला है। मनरेगा मजदूरों को 1 दिन में काम के बदले मात्र 182 का भुगतान किया जाता है। सभी पार्टियों और पूंजीपतियों को निशाना बनाते हुए ग्रामीण मजदूर यूनियन ( उत्तर प्रदेश) अपनी 8 सूत्री मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं।
1- ग्रामीण महिला मजदूरों को पुरुषों के समान वेतन दिया जाए।
2- न्यूनतम मजदूरी ₹500 प्रतिदिन की जाए।
3- न्यूनतम मजदूरी लागू की जाए।
4- भट्ठा मजदूरों को आवास तथा अन्य सुविधाएं दी जाएं।
5- मनरेगा में भ्रष्टाचार खत्म किया जाए तथा 100 दिन काम दिया जाए काम ना देने की स्थिति में बेरोजगारी भत्ता दिया जाए।
6- कार्यस्थल पर मजदूरों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
7- बीमार मजदूरों का मुफ्त इलाज किया जाए।
8- किसी भी कारण से काम करने में सक्षम मजदूरों को गुजारा करने के लिए उचित मासिक गुजारा भत्ता (न्यूनतम मजदूरी) के बराबर दिया जाए ।
ज्ञापन के माध्यम से अपनी खुशहाल जिंदगी के लिए सरकार को संदेश देना चाहते हैं ताकि सरकार उनकी मांगों को पूर्ण करके उनकी खुशहाल जिंदगी दे सके।
रिपोर्ट – जितेंद्र यादव
BBC खबर ( ब्यूरो चीफ बलिया)