पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर दिन या रात भारतीय सेना किसी भी वक्त चीन के सैनिकों की हर हरकत को भांप लेंगे। इसके लिए अभूतपूर्व तैयारी शुरू कर दी गई है। इसी रणनीति को जमीन पर पूरी तरह उतारने लिए फायर एंड फ्यूरी कोर को अत्याधुनिक यूएवी (अनमैंड एरियल व्हीकल), एनवीडी (नाइट विजन डिवाइस) और एटीवी (ऑल टेरेन व्हीकल) उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
पैंगांग झील में गश्त को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए फास्ट इंटरसेप्टर मोटर बोट उतारी जा रही हैं। इतना ही नहीं, 50 की संख्या में इजरायली स्पाइक टैंकरोधी मिसाइल लांचर भी लद्दाख और जम्मू- कश्मीर में सेना को मुहैया कराए जा रहे हैं। लद्दाख के पूर्वी हिस्से में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर मई माह से ही भारत व चीन के बीच सैन्य गतिरोध बना हुआ है। इस क्षेत्र में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के जवान अक्सर घुसपैठ कर भारतीय इलाके में अतिक्रमण करने की कोशिश करते हैं।
इस समय भारतीय सेना ने दौलत बेग ओल्डी, गलवन घाटी और पैंगांग झील व चुशूल सेक्टर में करीब 40 हजार जवान व अधिकारी ऑपरेशनल मोड में तैनात किए हैं। यह तैनाती फायर एंड फ्यूरी कोर (इसे 14 कोर भी कहा जाता है) के जवानों व अधिकारियों के अतिरिक्त हैं। सेना की 14 कोर ही लद्दाख में सरहदी इलाकों की जिम्मेदारी संभालती है।
सेना के अधिकारियों ने बताया कि फायर एंड फ्यूरी कोर ने उत्तरी कमान को जल्द ही अत्याधुनिक इलेक्ट्रॉनिक निगरानी उपकरण, थर्मल इमेजर व सेंसरों समेत हर मौसम में क्रियाशील रहने वाले स्वचालित निगरानी कैमरे और आठ यूएवी उपलब्ध कराने के लिए कहा है। ताकि चीन की सेना की गतिविधियों की और सटीक निगरानी की जा सके।