Central Government ने स्पष्ट किया है कि कोरोना संक्रमण से बचाव का टीका ऐच्छिक होगा। जो व्यक्ति चाहेगा-उसे ही वह टीका लगाया जाएगा। यह भी कहा कि भारत में विकसित होने वाली वैक्सीन किसी अन्य देश में विकसित वैक्सीन की तरह ही प्रभावी होगी। इसमें किसी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने सलाह दी है कि देश में संक्रमण की स्थिति के मद्देनजर Covid-19 महामारी से बचाव के लिए वैक्सीन लगवानी चाहिए। इससे बीमारी से लड़ने के लिए शरीर में मजबूत रोग प्रतिरोधक क्षमता पैदा हो जाती है।
परीक्षणों में पाया गया है कि वैक्सीन की दूसरी खुराक लेने के दो सप्ताह बाद शरीर में कोरोना वायरस को निष्प्रभावी करने वाली एंटीबॉडी पैदा हो जाती हैं।
देश में वैक्सीन के परीक्षण की प्रक्रिया कई चरणों में है और जल्द ही ये देश में लांच हो जाएगी। कुल छह वैक्सीन अपनी परीक्षण प्रक्रिया पूरी कर रही हैं|
इनमें भारत बायोटेक और आइसीएमआर, जायडस कैडिला, जेनोवा, ऑक्सफोर्ड, स्पुतनिक वी और बायोलॉजिकल ई लिमिटेड द्वारा विकसित की जा रही वैक्सीन हैं।
इसके मद्देनजर देश में जल्द टीकाकरण अभियान शुरू हो जाएगा। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि वैक्सीन की दो खुराक 28 दिनों के अंतर पर ली जाती हैं और उसके दो सप्ताह बाद यह अपना असर दिखाते हुए शरीर में एंटीबॉडी पैदा कर देती है।
पैदा होने वाली रोग प्रतिरोधक क्षमता के चलते वैक्सीन लेने वाला व्यक्ति कोरोना वायरस के हमले से खुद को सुरक्षित रख पाता है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि कैंसर, डायबिटीज, हाइपरटेंशन आदि बीमारियों से ग्रस्त लोग भी कोरोना से बचाव की वैक्सीन ले सकते हैं। लेकिन वे पहले से जो दवाएं ले रहे हैं, उनके विषय में उन्हें वैक्सीन देने वाले स्वास्थ्यकर्मी को जानकारी देनी चाहिए।
मंत्रालय ने कहा है कि वैक्सीन सभी के लिए उपलब्ध होगी लेकिन ज्यादा खतरे वाले लोगों को प्राथमिकता के आधार पर उसे उपलब्ध करवाया जाएगा।
प्राथमिकता समूह में स्वास्थ्यकर्मी, सार्वजनिक स्थानों पर कार्य करने वाले लोग और 50 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोग होंगे।
प्राथमिकता समूह के लोगों को उनके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर संदेश भेजा जाएगा। इससे वे बिना कठिनाई के वैक्सीन लगवा सकेंगे। प्राथमिकता समूह के लोगों को टीकाकरण के लिए पंजीकरण कराना होगा।
उन्हें मोबाइल संदेश के जरिये बुलाया जाएगा।पंजीकरण के लिए फोटो लगा पहचान पत्र प्रस्तुत करना होगा। यह पहचान पत्र सरकारी और प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का भी हो सकता है।