कानपुर मे लंबे समय के बाद आखिर कार शहर में चलने वाली मेट्रो ट्रेन से पर्दा हट गया। गुजरात सवाली से आए सड़क मार्ग से सोमवार को देर रात कानपुर पालीटेक्निक डिपो में पहुंच गए मेट्रो ट्रेन के कोच बुधवार को डिपो में उतारे गए।
इससे पहले यहां पर मौजूद मेट्रो एमडी कुमार केशव ने कोच का पूजन अर्चन किया और फिर मेट्रो ट्रेन की असेंबलिंग का काम शुरू किया गया। ट्रक से आए मेट्रो कोच को क्रेन के जरिए डिपो में उतारा गया और फिर उसे टोइंग मशीन से खींच कर असेंबलिंग एरिया में ले जाया गया।
मेट्रो के तीनों कोच मंगलवार सुबह पालीटेक्निक डिपो पहुंचे थे। मंगलवार को पूरे दिन तीनों कोच प्रोजेक्ट डायरेक्टर के आफिस के बाहर ही खड़े रहे। मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्टर कानपुर मेट्रो की शुरुआत जल्द से जल्द करने की कवायद जारी है। इसी कड़ी में बुधवार की सुबह साढ़े चार बजे गुजरात के सावली से मेट्रो कोच पालीटेक्निक डिपो में पहुंचे थे। फिलहाल मंगलवार को उन्हें ट्रेलर से उतारा नहीं गया और ना ही इनके कवर हटाए गए हैं।
बुधवार की सुबह उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक केशव कुमार डिपो पहुंचे। उनके सामने ही कवर हटाया गया और उन्होंने डिपो में प्रोजेक्ट निदेशक के आफिस के सामने खड़े ट्रेलर पर रखे कोच का पूजन किया। इसके बाद टोइंग मशीन की मदद से कोच ट्रैक पर उतारे गए। टोइंग मशीन के जरिए तीनों कोच खींचकर कवर एरिया में ले जाया गया और यहां पर उनकी असेंबलिंग का काम शुरू हुआ। मेट्रो का टेक्निकल स्टाफ असेंबलिंग बाद उनकी टेस्टिंग शुरू कर देगा।
जल्दी काम खत्म करने का दबाव : पहली मेट्रो के कोच शहर में आने के बाद अब उत्तर मेट्रो रेल कारपोरेशन के अधिकारियों पर अपनी टाइम लाइन को लेकर काफी दबाव है। स्टेशनों पर सिविल और सिस्टम से जुड़े काम खत्म करने का प्रेशर है। इसमें उन्हें 15 नवंबर को पहला ट्रायल रन करना है, इसके बाद जनवरी में मेट्रो को चलाना है।