केंद्रीय विद्यालयों के बाद अब देश भर के सभी विश्वविद्यालयों और कालेज भी खादी को अपनाएंगे। इसे लेकर पहल शुरु हो गई है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग सभी विश्वविद्यालयों से दीक्षांत समारोह सहित प्रमुख मौकों पर इसे अपनाने की सलाह दी है। हाल ही में केंद्रीय विद्यालयों ने अपने स्कूल ड्रेस में खादी को अपनाने की दिशा में कदम बढ़ाया है। मौजूदा समय में देश में करीब 12 सौ केंद्रीय विद्यालय है।
यूजीसी ने यह निर्देश ऐसे समय दिया है, जब खादी और बुनकरों के बनाए गए वस्त्रों को अपनाने के लिए केंद्र सरकार ने अभियान शुरु कर रखा है। खुद प्रधानमंत्री भी लोगों से खादी खरीदने की अपील कर चुके है। यूजीसी के सचिव रजनीश जैन ने सभी विश्वविद्यालयों को पत्र लिखा है। खासबात यह है कि कुछ समय पहले हैंडलूम के बने कपड़ों को लेकर भी यूजीसी ने इसी तरह के सुझाव दिए थे।
यूजीसी की यह पहल इसलिए भी अहम है, क्योंकि मौजूदा समय में सभी विश्वविद्यालयों के दीक्षांत समारोहों में जो वस्त्र इस्तेमाल किया जाता है, वह विदेशी वेशभूषा का प्रतीक माना जाता है। यूजीसी ने दिशा-निर्देश में कहा है कि खादी या बुनकरों के बनाए गए वस्त्रों के इस्तेमाल से न केवल भारतीय होने का गौरव प्रदान होगा, बल्कि यह गर्म और सर्द दोनों ही मौसमों के लिए भी अधिक आरामदायक होगा। यूजीसी ने यह निर्देश खादी मंत्रालय के साथ हुई कई दौर की बैठकों के बाद दिया है।