इस बार राजपथ पर नए जम्मू-कश्मीर की झलक दिखेगी। गणतंत्र दिवस समारोह पर निकाली जाने वाली राज्य की झांकी में विकास की बात होगी तो कला संस्कृति की चमक बिखरेगी। बड़ी बात यह कि भेदभाव दंश इस बार नजर नहीं आएगा। जम्मू की प्रसिद्ध बसोहली पेंटिंग और कश्मीर की पेपर माछी हस्तकला नए अवतार में होंगी। इस बार कला क्षेत्र राज्य का प्रतिनिधितत्व कर रहा है। सरकार की योजना ‘गांव की ओर’ के तहत झांकी में ग्रामीण कलाओं और रोजगार का प्रमोशन भी किया जाएगा। जम्मू-कश्मीर कला, संस्कृति एवं भाषा अकादमी के सचिव मनीरउल-इस्लाम ने बताया कि जम्मू-कश्मीर की झांकी को राज्य के प्रसिद्ध कलाकार वीर मुंशी तैयार कर रहे हैं।
वीर मुंशी इससे पहले भी कई बार जम्मू-कश्मीर की झांकी पेश करने का गौरव प्राप्त कर चुके हैं और इसके लिए सम्मानित किए जा चुके हैं। कश्मीर की हस्तकला पेपर माछी और बसोहली पेंटिंग का दुनिया भर में नाम है, लेकिन समय के साथ यह कला शैलियां लुप्त होने की कगार पर हैं। इनके पूर्णजीवन के लिए सरकार प्रयासरत है। झांकी के माध्यम से दर्शाया जाएगा कि असल में मशीन के युग में होने वाले काम में और हाथ से होने वाले काम में अंतर है। पेपर माछी से जुड़े लोगों और इस हस्तकला के संरक्षण के उद्देश्य से प्रस्ताव भेजा गया है।