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विश्व कप से पहले बासुरी बजाना सीख रहे है ये खिलाड़ी

खेल
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भारतीय क्रिकेट टीम के ओपनर बल्लेबाज शिखर धवन आइपीएल 12 में अपनी बल्लेबाजी का जलवा बिखेरने के बाद विश्व कप की तैयारियों में जुटे हैं। धवन ने आइसीसी टूर्नामेंट्स में टीम इंडिया के लिए हमेशा ही अच्छा प्रदर्शन किया है

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विश्व कप में दबाव होता है और इसके बारे में धवन ने बताया कि मैं दबाव महसूस करने वाला इंसान ही नहीं हूं। लोग मुझे आइसीसी टूर्नामेंट में मेरे रिकॉर्ड के बारे में बताते हैं, लेकिन मेरा लक्ष्य एक ही होता है। मैं अच्छे प्रदर्शन के लिए अपने प्रयासों में कोई कमी नहीं रखता। मुझे यकीन है कि एक बार फिर से ये विश्व कप मेरे लिए अच्छा रहेगा और मैं टीम के लिए बेहतरीन करने की कोशिश करूंगा। कई बार अच्छा नहीं खेलने पर आपकी आलोचना भी होती है। आलोचक अपना काम करते हैं लेकिन इससे मेरा ध्यान नहीं बंटता। अगर मैं पांच-दस मैचों में अच्छा नहीं खेल सका तो इसका ये मतलब नहीं है कि सब कुछ यहीं पर खत्म हो गया। मुुझे अपनी क्षमता का अंदाजा है और पता है कि मैं क्या कर सकता हूं।

वो खुद को तनाव से दूर रखने के लिए क्या करते हैं। उन्होंने कहा कि मैं ना तो टीवी देखता हूं और ना ही अखबार पढ़ता हूं। इन वजहों से जो मेरी आलोचना होती है उसका असर मुझ पर नहीं पड़ता। मैं सोशल मीडिया से भी दूर रहता हूं। हालांकि मैं ट्विटर और फेसबुक पर हूं, लेकिन इसका कम ही इस्तेमाल करता हूं। मैं उनमें से नहीं हूं जो लगातार इंस्टाग्राम और ट्विटर पर लगे रहते हैं। ये सब में कभी-कभार ही इस्तेमाल करता हूं। मेरी जिंदगी में नकारात्मक बातों के लिए कोई जगह नहीं है। मुझे लोगों से बार-बार सर्टिफिकेट लेने की जरूरत नहीं है।

धवन इन दिनों शास्त्रीय संगीत में अपनी रूचि दिखा रहे हैं और बांसुरी बजाना भी सीख रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुझे सूफी संगीत काफी पसंद है और वडाली ब्रदर्स मेरे पसंदीदा सूफी गायक हैं। अब मैं बांसुरी बजाना भी सीख रहा हूं। तनाव से दूर रहने में मुझे इससे काफी मदद मिलती है। मुझे ही नहीं हर किसी को अपनी जिंदगी में कुछ अपने पसंद का करना चाहिए।

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