तकनीकः चंद्रयान-2 के लिए अहमदाबाद की फिजिकल रिसर्च लेबोरेटरी ने तीन पेलोड विकसित किए है। चंद्रयान -1 के विपरीत इसमें एक ऑरबाइटर,एक लैंडर और एक रोवर होगा। बता दें कि भारत का चांद के लिए पहला अभियान अक्टूबर 2008 में गया था। चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण अगले साल जनवरी और मार्च में होने की उम्मीद है। पीआरएल के निदेशक डॉ. इनिल भारद्वाज ने बताया पीआरएल ने चंद्रयान-2 के लिए तीन पेलोड विकसित किए हैं। ऑरवाइटर में पेलोड विकसित किए हैं। ऑरबाइटर में पीआरएल द्वारा विकसित एक सोलर एक्स-रे मानीटरिंग लगा हुआ है। यह सूर्य से आने वाली एक्स-रे और चंद्रमा पर पैदा होने वाली एक्स-रे की निगरानी करेगा। पीआरएल अंतरिक्ष विभाग की ही एक इकाई है, जिसकी स्थापना 1947 में की गई थी। उन्होंने बताया, लैडर पर चंद्राज सरफेस थरमोफिजिकल एक्सपेरिमेंट होगा।