प्याज के आसमान छूते दामों पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार ने सोमवार को इसके निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया। नतीजतन, बमुश्किल कुछ घंटे में ही थोक बाजार में रेट धड़ाम हो गए। यह सिलसिला दूसरे दिन भी जारी रहा लेकिन प्याज के खुदरा बाजार पर इसका कोई असर अब तक देखने को नहीं मिला है।
प्याज उत्पादक राज्यों मसलन महाराष्ट्र, कर्नाटक एवं मध्य प्रदेश की जिन थोक मण्डियों में प्याज के मूल्य 2300 से 2900 रुपये कुंतल सोमवार तक थे, वह दूसरे दिन मंगलवार को 2000 से 2400 रुपये प्रति कुंतल पर पहुंच गए।
निर्यात पर प्रतिबंध का यूपी में कहीं अधिक असर हुआ है। प्रदेश में लखनऊ की दुबग्गा मण्डी में सोमवार को प्याज का रेट 2400 से 3000 रुपये कुंतल था जो मंगलवार को घटकर 1400 से 2400 रुपये पर पहुंच गया। कारण प्याज उत्पादक राज्यों से यूपी के लिए आवक काफी अधिक हो गई है।
बेहतर रेट की आशा में सैकड़ों वाहन प्याज यूपी के लिए रवाना कर दिए गए हैं। अगर रेट यहां पहले से अधिक रहे तो बाहर से आने वाला प्याज व्यापारी उसी मुताबिक अपने माल का रेट लगाएगा।
अगर उसे यहां का रेट कम मिलेगा तो वह उसी अनुसार मूल्य तय कर उसे बेचेगा। दुबग्गा के आढ़ती नेता बाबू मोहम्मद अतीक की मानें तो अलग-अलग श्रेणी के प्याज प्रदेश की मण्डियों में हैं।
जिसका जैसा स्तर उसका वैसा दाम है। प्याज के आढ़ती मोहम्मद आसिफ ने कहा कि खुदरा बाजारों में एक-दो दिन बाद असर दिखने लगेगा। उम्मीद है कि एक-दो दिन में प्याज सस्ता हो जाए।
थोक बाजारों में प्याज के दाम औंधे मुंह गिरने का असर कहीं नहीं दिखा आमतौर पर सब्जियों का सबसे महंगा खुदरा बाजार नरही में प्याज 35 रुपये किलो था तो सबसे सस्ता बाजार कहे जाने वाले ठाकुरगंज में इसकी कीमत 32 से 34 रुपये थी।
यही हालत अन्य खुदरा सब्जी बाजारों की रही। चौक, निशातगंज, मुंशी पुलिया, कानपुर रोड एलडीए कालोनी, आलमबाग, सदर, टेढ़ी पुलिया, खुर्रमनगर, भूतनाथ तथा डालीगंज में भी प्याज के मूल्य 32 से 35 रुपये किलो के बीच रहा।
प्याज के कारोबारी मैकू लाल ने बताया कि थोक बाजार में प्याज के दामों में किसी भी बदलाव का असर दो-तीन दिन बाद देखने को मिलता है। जब तक स्टॉक खत्म नहीं हो जाता तब तक कोई भी व्यापारी नया माल नहीं लाता है।