आलू के बाद अब महंगाई ने रसोई घर में खाने वाले तेल पर धावा बोल दिया है। सर्दी के इस सीजन में नए आलू आने के बाद इसकी कीमत काबू में आने लगी है, लेकिन तेल की बढ़ती कीमत से रसोई का बजट बिगड़ रहा है।
लाही की कीमतें बढ़ने तथा स्टाक डंप किए जाने से खाद्य तेल के दामों में इजाफा होने से मध्यम वर्गीय व गरीब तबका खासा परेशान है।
पिछले दो महीनों से बेतहाशा बढ़े सब्जियों के से आम आदमी परेशान है। पिछले माह में 50 रुपए प्रति किलो की दर से बिकने वाले आलू के दाम में नई फसल आने के बाद कमी आई है।
अब आलू 10 से12 रुपए प्रति किलो की दर से बिक रहा है,लेकिन 40 रुपए प्रति किलो की दर से बिकने वाले प्याज के साथ ही सरसो के तेल व रिफाइंड के दामों में जबरदस्त उछाल आने से आम लोगोंे का बजट गड़बड़ाने लगा है।
इस समय थोक बाजार में लाही की कीमत 57 सौ से 59 सौ रुपए में है। किसानों की लाही की फसल तैयार होने में अभी विलंब है। लोगों का आरोप है कि फसल आने में विलंब का फायदा उठाकर मुनाफा खोरों ने स्टाक जमा कर लिया है।
इससे तेल की कीमतों में इजाफा हो गया है। रूरा के किराना कारोबारी निर्मल मिश्रा ने बताया कि लाही के दामों में बढोत्तरी के कारण कुछ दिनों से तेल के दामों में काफी वृद्धि हुई है।
घरों में प्रयोग होने वाला ब्रांडेड सरसों का तेल जहां सौ से 110 रुपए प्रति लीटर की दर से बिक रहा था। वहीं तेल अब बढ़कर 140 से 150 रुपए प्रति लीटर हो गया है। वहीं 110 रुपए में बिकने वाले रिफाइंड के दाम अब 140 रुपए प्रति लीटर हो गए हैं।